PPC 2024 Highlights: परीक्षा का नाम आते ही बच्चों, माता-पिता और शिक्षकों के चेहरे पर तनाव की रेखाएं आ जाती हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में कल सुबह 11 बजे देश के लाखों-करोड़ों छात्र-छात्राओं के साथ परीक्षा पे चर्चा करते हुए उन्हें यह संदेश दिया कि परीक्षाओं को तनाव का नहीं, बल्कि उत्सव का रूप देना चाहिए। चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने ऐसी बहुत से बाते बताई जिन्हें आपको जानना चाहिए, चाहे आप एक छात्र हो या अभिभावक। आइए जानें इस चर्चा में क्या-क्या कहा प्रधानमंत्री मोदी ने:
1. परीक्षा पर नया नजरिया: प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम में छात्रों को परीक्षा को जीवन का एक मजेदार पड़ाव, अपनी क्षमताओं को परखने का अवसर और आत्मविश्वास बढ़ाने का साधन बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि परीक्षाओं से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उनका स्वागत खुले दिल से करना चाहिए।
2. तनाव-मुक्त तैयारी के टिप्स: प्रधानमंत्री ने छात्रों को तनाव-मुक्त तैयारी के लिए कई टिप्स दिए। उन्होंने समय प्रबंधन का महत्व बताया और नियमित रूप से थोड़ा-थोड़ा पढ़ने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने छात्रों को भरपूर नींद लेने, स्वस्थ भोजन करने और योग या ध्यान का अभ्यास करने की सलाह दी।
3. रटने की नहीं, समझने की प्रक्रिया: प्रधानमंत्री ने छात्रों को रटने के बजाय समझने पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि रटने से सिर्फ परीक्षा पास की जा सकती है, लेकिन समझने से जीवन में सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने रचनात्मक सोच विकसित करने और प्रश्न पूछने की आदत डालने पर भी बल दिया।
4. माता-पिता और शिक्षकों की भूमिका: प्रधानमंत्री ने माता-पिता और शिक्षकों को छात्रों को तनाव-मुक्त माहौल प्रदान करने का आह्वान किया। उन्होंने माता-पिता से बच्चों पर अनावश्यक दबाव न डालने और उनकी रुचि एवं क्षमताओं के अनुसार मार्गदर्शन करने का निवेदन किया। शिक्षकों से भी उन्होंने रचनात्मक शिक्षण विधियों का उपयोग करने और छात्रों की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।
5. परीक्षा से परे जीवन: प्रधानमंत्री ने छात्रों को याद दिलाया कि परीक्षा जीवन का अकेला लक्ष्य नहीं है। उन्होंने जीवन में जुनून खोजने, समाज के लिए योगदान देने और स्वस्थ व खुशहाल जीवन जीने पर जोर दिया।
परीक्षा पे चर्चा 2024 छात्रों, माता-पिता और शिक्षकों सभी के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव रहा। इस कार्यक्रम ने परीक्षा के प्रति नया दृष्टिकोण लाने और उत्साह के साथ तैयारी करने का हौसला दिया। आशा है कि यह चर्चा देश में परीक्षा की संस्कृति को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
छात्रों ने पूछे सवाल
परीक्षा पे चर्चा 2024 के दौरान तमिलनाडु के एक छात्र और उत्तराखंड की गुरुकुल एकेडमिक की एक छात्रा ने प्रधानमंत्री से पूछा कि हम आपके जैसे सकारात्म कैसे हो सकते हैं। आप यह सब कैसे कर पाते हैं?
इस सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि क्या आप भी प्रधानमंत्री बनना चाहते हो, तैयारी कर रहे हो क्या? मुझे खुशी है कि आप प्रधानमंत्री के तनाव को समझते हैं, नहीं तो लोगों को लगता है कि इन्हें क्या है, हेलीकॉप्टर है, लोग हैं, जहां जाना चाहे, वहां चले जाते हैं! लेकिन ऐसा नहीं है।
मैं हर परिस्थियों के लिए तैयार रहता हूं। मैं मानता हूं कि कुछ भी है तो 140 करोड़ लोग मेरे साथ हैं। अगर लाखों -करोड़ समस्याएं हैं तो उसके बिलियन और मिलियन समाधान है। मैं जानता हूं कि गलतियां हुईं तो गलियां मुझे खानी होगी।
हिन्दुस्तान की हर सरकार को गरीबी से जुझना पड़ता है। सरकार होती कौन है कि जो गरीबी हटाएगी। जब एक गरीब सोचेगा कि उसे गरीबी में नहीं रहना है तब गरीबी हटेगी। इसलिए मैंने उनके लिए पानी, सड़क आदि उनकी जरूरतों को पूरा किया।
मैं जिनके लिए करता हूं, उन्हें मुझपर अपार भरोसा है। आप कौन सा काम कर रहे हैं कौन सा काम ज्यादा जरूरी है, उसकी प्राथमिकता तय करता हूं। अपनी गलतियों से सीखता हूं।
कोविड-19 के दिनों में मैं रोज लोगों के सामने आता, कभी थाली बनाने को बोलता, कभी ताली बनाने को बोलता, ताकि लोगों को कोरोना बीमारी से लड़ने की हिम्मत मिले।
मैं काफी पॉजिटिव हूं। मैं रोता नहीं हूं, कभी हारता नहीं, इसलिए मैं मानता हूं कि इंसान को जीवन में लक्ष्य के प्रति सचेत रहना चाहिए। मेरा क्या, मेरा कौन, मुझे इन बातों से कोई लेना देना नहीं है। बुरी से बुरी चीजों में भी पॉजिटिव देखना चाहिए।
परीक्षा पे चर्चा 2024 पर सोशल मीडिया प्रतिक्रिया
परीक्षा पे चर्चा 2024 को लेकर सोशल मीडिया पर काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। छात्रों, माता-पिता और शिक्षकों ने इस कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि यह परीक्षा के दबाव को कम करने और छात्रों को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
छात्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के संदेश ने उन्हें परीक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने में मदद की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने परीक्षा को एक उत्सव के रूप में मनाने का आह्वान किया है, जिससे उन्हें तनाव कम करने और अपनी क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।
माता-पिता ने कहा कि इस कार्यक्रम ने उन्हें बच्चों को परीक्षा के दबाव से निपटने में मदद करने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के संदेश से उन्हें यह समझने में मदद मिली है कि बच्चों पर अनावश्यक दबाव डालना उनके लिए हानिकारक हो सकता है।
शिक्षकों ने कहा कि इस कार्यक्रम ने उन्हें रचनात्मक शिक्षण विधियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के संदेश से उन्हें यह समझने में मदद मिली है कि छात्रों को रटने के बजाय समझने पर ध्यान देना चाहिए। और उन्हें यह समझ आया है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल परीक्षा पास करना नहीं है, बल्कि इसके मायने उससे कहीं बढ़कर है।
सोशल मीडिया पर कई लोग इस कार्यक्रम को एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम देश में परीक्षा की संस्कृति को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
यहाँ कुछ सोशल मीडिया प्रतिक्रियाएँ दी गई हैं:
- @student1: परीक्षा पे चर्चा 2024 एक बहुत ही प्रेरणादायक कार्यक्रम था। प्रधानमंत्री मोदी के संदेश ने मुझे परीक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने में मदद की है।
- @parent1: परीक्षा पे चर्चा 2024 एक बहुत ही उपयोगी कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम से मुझे बच्चों को परीक्षा के दबाव से निपटने में मदद करने के लिए प्रेरित किया गया है।
- @teacher1: परीक्षा पे चर्चा 2024 एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल है। यह कार्यक्रम देश में परीक्षा की संस्कृति को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
कुल मिलाकर, परीक्षा पे चर्चा 2024 एक बहुत ही सफल कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम ने छात्रों, माता-पिता और शिक्षकों सभी को परीक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया है।