अयोध्या में हुई रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में उत्साह और हर्षोल्लास का माहौल देखने को मिल रहा है। इस दौरान संतों के साथ एक मौलाना ने भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया और उनके दर्शन किए। जाहिर सी बात हैं कि इसने सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया।
ऐसे में सबके मन में बस एक ही सवाल उत्पन्न हो रहे थे कि आखिरकार रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में रामलाल के दर्शन के लिए आए ये मौलाना कौन है?
तो चलिए हम आपको उनकी कहानी के बारे में बताते हैं! इनका पूरा नाम हैं मौलाना उमेर अहमद इलियासी। ऑल इंडिया मुस्लिम इमाम ऑर्गनाइजेशन के सदर मौलाना अहमद उमर इलियासी इंडिया गेट से लगभग सटी गोल मस्जिद के इमाम है। वह इस्लाम के विद्वान तो है ही, साथ ही उन्होंने अन्य धर्मों का भी गहन अध्ययन किया है। और उन्हें जितनी समझ इस्लाम की हैं उतनी ही अन्य धर्मों की भी। उनके जीवन का अटूट हिस्सा है सर्वधर्म समभाव। मौलाना उमेर अहमद इलियासी राजघाट में होने वाले सर्वधर्म सम्मेलनों में भी भाग लेते रहे हैं, और उन्हें एक प्रखर वक्ता के रूप में जाना जाता हैं। जब वो कुरान के साथ गीता और वाइवल से भी उदाहरण लेकर अपनी बातों को रखते हैं तो सुननेवाले मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
इलियासी कहते हैं कि - भारत में शांति के लिए वह कुछ भी कर सकते हैं। मौलाना उमेर इलियासी कहते हैं कि उनके पुरखे हिंदू थे, उमेर इलियासी यहां तक कहते हैं कि वे भगवान श्री कृष्ण के वंशज हैं। और उनके परिवार ने लगभग दो ढाई सौ वर्ष पहले इस्लाम स्वीकार कर चुका हैं। वें मानते है कि इस्लाम का रास्ता सच्चाई अमन और भाईचारे की तरफ लेकर जाता हैं, जिसमे किसी के लिए कोई नफरत नहीं हैं।
आपको बता दें कि मौलाना अहमद उमेर इलियासी की पहले भी कई बार मोहन भागवत से मुलाकात हो चुकी हैं और उन्होंने पहले भी कई बार पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया हैं। उमेर कहते हैं कि इस्लाम में कभी किसी के लिए कोई नफरत का भाव नहीं है। मौलाना उमेर इलियासी की स्कूली शिक्षा पंडारा रोड के सरकारी स्कूल में हुई। वे स्कूली दिनों में क्रिकेट के बेहतरीन खिलाड़ी थे, किंतु समय बीतने के साथ जब उम्र बढ़ी तो उनका रास्ता ही बदल गया। पिता मौलाना जमील इलियासी ने उन्हें अपने साथ जोड़ लिया।
आज हुई प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होकर उन्होंने अपनी जिस उदारता का प्रमाण दिया हैं उसने लोगों की नजरों में उनके ऊंचे कद को और ऊंचा कर दिया हैं।
इस दौरान एक रिपोर्टर से बात करते हुए मौलाना उमेर इलियासी ने कहा - “यह बदलते भारत की तस्वीर हैं, आज का भारत, नवीन भारत, आज का भारत उत्तम भारत! मैं यहां पैगामे मोहब्बत लेकर आया हूं, जहां तक पहुंचे! मेरे साथ में आप स्वामी जी को खड़े देख रहे हैं इसी का मान भारत हैं। हमारी इबादत करने के तरीके जरूर अलग हो सकते हैं, पूजा पद्धति जरूर अलग हो सकती हैं, आस्थाएं जरूर अलग हो सकती हैं, लेकिन हमारा जो सबसे बड़ा धर्म है वह इंसान और इंसानियत का हैं, और हमसब लोग मिलकर इंसानियत को बरकरार रखें। हम सब लोग भारतीय हैं, हम सब भारत में रहते हैं तो हमसब को चाहिए कि हम भारत को मजबूत करें। हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरि हैं। आज का जो पैगाम हैं वो नफरतों को खतम करने के लिए हैं। बहुत रंजिशे हो गई, बहुत दुश्मनी हो गई, बहुत लोग मारे गए, बहुत राजनीति हुई, अब हम सबको मिलकर, एक होकर भारत को मजबूत करना हैं, भारतीयता को मजबूत करना हैं। राष्ट्र सर्वोपरि हैं इसी पैगाम को लेकर आगे जाना हैं।”