Naa Saami Ranga Movie Review: देसी तड़का के साथ एक गाँव का शुद्ध देसी ड्रामा

जनवरी 2023 में रिलीज़ हुई तेलुगु फिल्म ना सामी रंगा, 2019 की मलयालम फिल्म "पोरिनजू मरियम जोस" का रीमेक है। विजय बिन्नी द्वारा निर्देशित और नागार्जुन और आशिका रंगनाथ द्वारा अभिनीत, यह फिल्म दर्शकों को ग्रामीण जीवन, पारिवारिक गतिशीलता और प्रेम की जटिलताओं की यात्रा पर ले जाती है। जबकि मुख्य कहानी मूल के प्रति वफादार रहती है, ना सामी रंगा अपने तेलुगु मसाला स्वाद को मिलाता है, जिसके परिणामस्वरूप मनोरंजन का मिश्रित बैग बनता है।


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कहानी और अभिनय:

कहानी बंगराजू (नागार्जुन) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक दयालु ग्रामीण व्यक्ति है जिसे अपने परिवार के प्रति निष्ठा और समर्पण के लिए जाना जाता है। वह एक साधारण जीवन व्यतीत करता है, अपनी जमीन की खेती करता है और अपने प्रियजनों की देखभाल करता है। उसकी जिंदगी बस यहीं तक सीमित होती हैं। हालाँकि, उसकी दुनिया तब उलटी पड़ जाती है जब उसकी मुलाकात चैत्रा (आशिका रंगनाथ) से होती है, एक जोशीली युवती जो उसके पारंपरिक विश्वासों को चुनौती देती है। उनके स्वभाव के विपरीत एक चिंगारी जलती हैं, जिससे एक भंवर रोमांस होता है। आगे चलकर इस प्रेमी जोड़े को सामाजिक अस्वीकृति और अप्रत्याशित बाधाओं का सामना भी करना पड़ता है।

नागार्जुन एक सूक्ष्म प्रदर्शन देते हैं, बंगराजू की ताकत, कमजोरी और हास्य समय को सहजता से चित्रित करते हैं। आशिका रंगनाथ चैत्रा के लिए कहानी में जोश और आकर्षण लाती हैं, जिससे वह एक विश्वसनीय और प्यारा चरित्र बन जाती हैं। सहायक कलाकार, जिसमें अल्लारी नरेश और रामचंद्र राजू शामिल हैं, सक्षम सहायता प्रदान करते हैं, कहानी में हास्य और भावनात्मक गहराई को जोड़ते हैं।

कहानी की ताकत और कमजोरियां:

ना सामी रंगा ग्रामीण जीवन के चित्रण में चमकता है। हरे-भरे दृश्य, जीवंत पोशाक, और ग्रामीण रीति-रिवाजों का प्रामाणिक चित्रण दर्शकों को आंध्र प्रदेश के दिल में ले जाता है। फिल्म पारिवारिक मूल्यों और समुदाय के महत्व का भी जश्न मनाती है, जो उन दर्शकों को पसंद आएगी जो पारंपरिक कहानी सुनने की सराहना करते हैं।

हालांकि, फिल्म मूल के सूक्ष्म और मार्मिक कथानक को अधिक व्यावसायिक तेलुगु प्रारूप में ढालने के प्रयास में सफल नहीं है। अनावश्यक रोमांटिक उपप्लॉट और मेलोड्रामेटिक ट्विस्ट के जुड़ने से मुख्य कहानी के भावनात्मक प्रभाव को कम करते हैं। इसके अलावा, ना सामी रंगा पटकथा को एक नया दृष्टिकोण देने में विफल रहती है, जिससे कुछ दर्शक परिचित विषयों पर एक अधिक मूल दृष्टिकोण की लालसा रखते हैं।

निर्णय:

ना सामी रंगा एक बार देखने लायक सभ्य फिल्म है, खासकर उन लोगों के लिए जो मूल से परिचित नहीं हैं। नागार्जुन का प्रदर्शन और फिल्म का गाना इसकी प्रमुख ताकतें हैं। हालांकि, जो दर्शक एक विचारशील या अभिनव ग्रामीण नाटक की तलाश में हैं, वे वंचित रह सकते हैं। अंतत: ना सामी रंगा एक सुखद, भूलने वाला सिनेमाई अनुभव है जो रोमांस, ड्रामा और कॉमेडी का एक परिचित मिश्रण पेश करता है, जिसे तेलुगु मसाला के एक पकवान के साथ परोसा जा रहा है।

कुल रेटिंग: 5 में से 3 स्टार

सुझाव: अगर आपको हल्के-फुल्के ग्रामीण नाटक की तलाश में हैं जिसमें अनुभवी कलाकारों का दमदार अभिनय और मनमोहक दृश्य हों, तो ना सामी रंगा आपके लिए बिल्कुल उपयुक्त है। हालांकि, अगर आप गहन विषयों या नई कहानी कहने के तरीकों की खोज कर रहे हैं, तो यह फिल्म आपको थोड़ी सी निराश कर सकती है।

आखिर में, “ना सामी रंगा” एक मनोरंजक विकल्प है जिसे आप अपने परिवार के साथ देख सकते हैं। यह आपको हंसाएगी, आपका मनोरंजन करेगी और शायद कुछ देर के लिए आंध्र प्रदेश के खूबसूरत ग्रामीण इलाकों में भी ले जाएगी।

क्या आप इस फिल्म को देखने का विचार कर रहे हैं? क्या आपने मूल मलयालम फिल्म "पोरिनजू मरियम जोस" देखी है? मुझे बताएं कि आपका क्या विचार है!

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