हिंदी शायरी — Hindi Shayari
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समझदार व्यक्ति कई बार जवाब होते हुए भी पलट कर नही बोलते, क्योंकि... रिश्तो को जिताने के लिए कभी—कभी खामोश रह कर हारना भी जरूरी होता है।
मेहनत करने से दिमाग और सच बोलने से दिल साफ रहता है।
दोस्तो का साथ भी बड़ा अजीब होता है… न रिश्ता कोई खून का फिर भी बन जाते है जान, न मतलब किसी ओर से फिर भी बढ़ाते है मान, जैसे भी हो यार मेरे बन जाते है वो हमारी शान।
कभी आती है और कभी रुक जाती है, बरसात की तरह वो अपनी मोहब्बत को बरसाती है।
प्यार भी करती है और इनकार भी करती है, तड़पती है मिलने को लेकिन मुलाकात नहीं करती है, अरे अब तो वो मेरे ख्वाबों में भी आने से डरती है, तुम फिर से दिल ले लोगे बस यही बात करती है।
जो सफर की शुरुआत करते है, वे मंजिल भी पा लेते है, बस एक बार चलने का हौसला रखना जरुरी है, क्योंकि अच्छे इंसानों का तो रास्ते भी इन्तजार करते है।
कब तक रह पाओगे आखिर यूँ दूर हम से… मिलना पड़ेगा आखिर कभी ज़रूर हम से।
नज़रें चुराने वाले ये बेरुखी है कैसी, कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हम से।
मिलते है आज भी उनसे, पर पहले वाली मुलाकात नही रही, वो तुझसे बातें करने को तड़प जाना… कुछ तेरी सुनना कुछ अपनी सुनाना, बातें होती है आज भी, मगर वह पहले जैसी बात नही रही।
दिल को मिला है तू दरिया बनकर… ये दिल जिएगा अब जरीया बनकर… दिल से दूर जाने का ख़याल भी न लाना… वरना उड़ जाएंगी धड़कने खाक बनकर।
दिल की तमन्ना इतनी है कुछ ऐसा मेरा नसीब हो, मैं जहाँ जिस हाल में रहुँ, बस तू मेरे करीब हो।
कुछ अधूरी सी है हम दोनों की ज़िन्दगी, तुम्हें सकून की तालाश है और मुझे तुम्हारी।
ये जो तुम्हारी याद है ना, बस एक यही मेरी जायदाद है, आँख खुलते ही याद आ जाता है तेरा चेहरा, दिन की ये पहली ख़ुशी भी कमाल होती है।
सासे किसी का इंतज़ार नही करती, चलती है या चली जाती है।
जन्नत बक्शी थी ख़ुदा ने लेकिन हमें कहा मंजूर था… जहन्नुम में जा मरे हम भी क्योंकि आप जैसे दोस्तो से बिछड़ना हमें कब मंजूर था।
हँसी तेरी बरकरार युहीं रहे, मर मिटे है इसपे न जाने कितने… लेकिन फिर भी मैं गुज़ारिश करता हूँ तुझसे की तेरा अंदाज़ यही रहे।
बेरूख़ी जँचती नहीं तुझ पर, तु मोहब्बत ही किया कर। तेरा ख्याल भी है क्या गजब, जो न आये तो आफ़त, और जो आ जाए तो कयामत।
हसरतों के सिक्के लिए, उजाले ख़रीदने निकले थे हम, उम्र की पहली गली में ही, ज़िम्मेदारियों ने लूट लिया।
उस मक़ाम में आ गई है ज़िन्दगी, जहां कुछ चीज़े पसंद तो है, पर चाहिये कुछ नहीं।
वो ही मेरा पीर वो ही मेरा रब है… उसमें बसती है मेरी जान वो ही मेरा सब है।
माना कि वो मुझसे झगड़ती है… माना कि वो बात बात पे लड़ती है… बिना बात ही मुझसे रूठती रहती है… पर एक पल भी मुझे देखे बिना नहीं रहती है… और इसलिए वो हसीना मेरी जान बन बैठती है।
बनते—टूटते अहद—ओ—करार देखे, कदम—कदम पे बदलते यार देखे।
खिज़ा की भी दोस्ती न कभी तर्क करें, हमने पल-पल मुरझाते सबजोबहार देखे।
तुझको लेकर मेरा ख्याल नही बदलेगा, दिन बदलेंगे... साल बदलेगा... लेकिन दिल का हाल नही बदलेगा।
आज दिल ने तेरे दीदार की ख्वाहिश रखी है, मिले अगर फुरसत तो ख्वाबों मे आ जाना।
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है, इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है।
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद, फिर भी हर मोड़ पर उसी का इन्तज़ार क्यों है।
मित्र, पुस्तक, रास्ता, और विचार गलत हों तो गुमराह कर देते है, और यदि सही हों तो जीवन बना देतें है।
वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे… इन्सान वही जो, अपनी तक़दीर बदल दे।
कल क्या होगा कभी मत सोचो… क्या पता कल वक्त खुद अपनी तस्वीर बदल दे।
मैं इतनी मोहब्बत करता हूँ उनसे की उनके ख्वाबों को भी हक़ीक़त में बदलना चाहता हूँ, मज़ाक में कह दिया उन्होंने की मर जाओ… और मैं पागल उनकी बात को सच करने के लिए सच में मरना चाहता हूँ।
कोशिश करके देख लेना खुदा भी हार जाएगा, अगर ठान लिया है तुमने तो वो ज़रूर मिल जाएगा।
डर सा लग जाता है मुझे अपनी ही रातो से… बीते हुए कुछ पल और लोगों की मुलाकातों से।
खैरियत तो लोग अभी भी लेने आते है… ऐसा लगता है कि और दिल दुखाने आ जाते है, ये दर्द जिसका है उसी का रह जाता है… चलो इसी बहाने ही सही कुछ लोगों के दिल बहल जाते है।
पूरा हुजूम तालियाँ बजाये तो क्या… बस वो एक शख्स मुस्कुरा दे काफी है।
रिश्ते निभाने का हुनर मैंने उस ताले से सीखा, जो फ़ना हो गया, मगर चाबी नहीं बदली।
बेशक तू दुर हैं मुझसे मगर… जितना तु करीब है मेरे उतना ओर कोई नहीं।
कभी आती है और कभी रुक जाती है, बरसात की तरह ही वो अपनी मोहब्बत को बरसाती है।
ये इश्क भी एक अजीब एहसास होता है… अल्ज़फों से ज्यादा निगाहो से बया होता है… हर पल बस उसी की फ़िक्र होती है… और इसी एहसास में तो जीने का गुमान होता है।
क्या खरीदोगे ये बाजार बहुत महंगा है, प्यार की ज़िद न करो प्यार बहुत महंगा है, चाहने वालों की एक भीड़ लगी रहती है, आज—कल आपका दीदार बहुत महंगा है, इश्क मे वादा निभाना कोई आसान नहीं, करके पछताओगे इकरार बहुत महंगा है, आज तक तुमने खिलौने ही खरीदे होंगे, दिल है ये दिल मेरे सरकार बहुत महंगा है, हम सुकून ढूंढने आए थे दुकानों में मगर, फिर कभी देखेंगे इस बार बहुत महंगा है।
तेरी तमाम ख्वाइशों को मेरे सर पे बिठाना था, तेरे माथे पे एक छोटी सी बिंदिया को सजाना था, मेहँदी लगी हाथों से तुम्हें अपने चेहरे को छुपाना था, धीरे से हटा के अपने हाथों को अपनी मुस्कुराहट को दिखाना था, दबे पैरों से आकर के तिरछी निगाहों से मुझे घायल कर जाना था, यूँ तो मैं ख़्वाब देखता नहीं हूँ कभी… लेकिन उस ख़्वाब में मुझे तुझे अपना बनाना था, ज्यादा नहीं माँग रहा हूँ कुछ तुमसे… बस शर्माते हुए कुछ यूँ तुम्हें घूँघट में आना था, मैं रूठता तो ख्वाबों में भी नहीं हूँ तुमसे… लेकिन तुम्हें आकर के मुझे सीने से लगाना था।
इस जिंदगी के सफ़र में थकान बहुत हैं, अपनों के अपनों पर यहाँ इल्जाम बहुत है, शिकायतों का दौर देखता हूँ तो थम सा जाता हूँ, लगता है उम्र कम है और इम्तिहान बहुत है।
यूँ कस के हाथ थामे रखना, कि मैं लड़खड़ाता बहुत हूँ, खुद ही पूछ लेना हाल मेरा, कि तुमसे छुपाता बहुत हूँ, जानते हो ना, भीतर समंदर छुपाए मैं मुस्कुराता बहुत हूँ।
हाथ दिल पे रख कर देखो तो सही, हर सांस में तेरा ही नाम लिखा है।
दुनिया वो किताब है जो कभी नहीं पड़ी जा सकती, लेकिन ज़माना वो उस्ताद है... जो सब कुछ सिखा देता है।
सवालों की दहलीज पर, कुछ ख्याल आकर ठहरते है… दिलकश है जीने का अंदाज हमारे, लोग हम से दिल लगा बैठते है।
दिलो का व्यापार नहीं करते है हम, दिलो का व्यापार नहीं करते है हम, तुम भले किसी और को चाहो... मेरी जान, तुमसे एक तरफा प्यार करते है हम।
यदि मनुष्य सीखना चाहे, तो उसकी हर भूल उसे कुछ
शिक्षा दे सकती है।
प्यार की डोर सजाये रखो, दिल को दिल से मिलाये रखो… क्या लेकर जाना है साथ मे इस दुनिया से… मीठे बोल और अच्छे व्यवहार से, रिश्तों को बनाए रखो।
एक अक्षर में उसने सारा जग ही लिख डाला, माँ लिख कर के उस बच्चे ने मेरे दिल को हिला डाला, वैसे तो कक्षा में प्रथम आता था और इसके पास शब्दों का भंडार था… लेकिन जब बात आयी सबसे प्यारा निबंध लिखने की प्रतियोगिता की तो उसने बस एक अक्षर "माँ" लिखकर सब को पीछे कर डाला।
रुलाया ना कर हर बात पर ए जिंदगी… जरूरी नहीं सबकी किस्मत में चुप कराने वाले हो।
फिर सुबह एक नई रोशन हुई, फिर उम्मीदें नींद से झांकती मिली, वक़्त का पंछी घरोंदे से उड़ा, अब कहाँ ले जाए तूफाँ क्या पता।
सुबह का मतलब केवल सूर्योदय नहीं होता, यह सृष्टि की खूबसूरत घटना है, जहाँ अंधकार को मिटाकर सूरज नई उम्मीदों का उजाला फैलाता है।
जिस्मों में बहने की तो पुरानी कहानी है… अरे वो पागल तो तेरी मुस्कुराहट की दीवानी है।
कश्ती है पुरानी मगर दरिया बदल गया, मेरी तलाश का भी तो जरिया बदल गया, न शक्ल बदली न ही बदला मेरा किरदार, बस लोगों के देखने का नजरिया बदल गया।
जैसे भी गुजरती है जिंदगी गुजार लीजिए… अब ये कोई महफ़िल तो नहीं की हर।वक्त मज़ा ही दे।
बड़े अजीब दुनिया के मेले है... दिखती तो भीड़ है, पर चलते सब अकेले है।
उनके लिए क्या मरना जो जीते है किसी और के लिए।
चले जो कदम—कदम तू साथ मेरे तो तेरे साथ से प्यार हो जाए, थामे जो प्यार से तू हाथ मेरा तो अपने हाथ से प्यार हो जाए… जिस रात आए ख्वाबों मे तू उस सुहानी रात से प्यार हो जाए… जिस बात मे आए जीकर तेरा तो उसी बात से प्यार हो जाए… जो पुकारे तू प्यार से नाम मेरा तो अपने ही नाम से प्यार हो जाए… होता है इतना खूबसूरत। ये प्यार अगर तो खुदा करे… तुझे भी मेरे प्यार से प्यार हो जाए।
तुझको क्या बताऊं मेरे दोस्त, मैं तेरे हर एक जवाब में हूँ… कुछ नहीं है तुझसे छुपाने को जिंदगी में… ये अलग बात है कि मैं नकाब में हूँ… मैं उड़ती खबर हूँ हवाओं से पूछो, उसे लगता है कि मैं किताब में हूँ… पूछते रहते हैं मेरे अपने कुछ ऐसा मुझसे… अभी जिंदा हूँ या मरने के फिराक में हूँ, यूं तो ज़िन्दगी के कई लम्हों को जिया है मैंने, मगर सुकून जिसमें मिला वो बचपन था।
खता उनकी कोई भी नही थी, शायद हम ही गलत समझ बैठे, वो तरस खा कर बात करते थे, हम मोहब्बत समझ बैठे।
मैंने कहा वो अजनबी है, दिल ने कहा ये दिल की लगी है, मैंने कहा वो सपना है, दिल ने कहा फिर भी अपना है, मैंने कहा वो दो पल की मुलाकात है, दिल ने कहा ये सदियों का साथ है, मैंने कहा वो मेरी भूल है, दिल ने कहा फिर भी कबूल है, मैंने कहा वो मेरी हार है, दिल ने कहा यही तो प्यार है।
ज़िन्दगी में यही देखना ज़रूरी नहीं है, कि कौन हमारे आगे है, या कौन हमारे पीछे… कभी यह भी देखना चाहिये कि, हम किसके साथ हैं, और कौन हमारे साथ है।
मेरे प्यारे से दिल को घायल कर दिया, ऐ खूबसूरत परी ये तूने क्या कर दिया।
मैं उस परी से एक दरखास्त करता हूँ, आज बहुत उदास लगती है वो… मैं उसके लिए मेरा टूटा हुआ दिल फिर से पेश करता हूँ।
जो भी मिले खिलाड़ी ही निकले, कोई दिल से खेल गया तो कोई जिंदगी से।
मैं चाहूँ तो भी शायद ना लिख पाऊँ उन लफ्ज़ों को, जिन्हें पढ़कर तुम जान जाओ मुझे कितनी मोहब्बत है तुमसे।
तू छोड़ दे कोशिशें इंसानों को पहचानने की, यहाँ जरूरतों के हिसाब से सब बदलते अपने नकाब है, अपने गुनाहों पर पर्दा डालकर हर शख्स कहता है, जमाना बड़ा खराब है।
उनके लिए मैं पागल भी बन जाऊँ, उसकी मुस्कुराहट मेरे दिल से कहती है… क्या मैं तुम्हारी क़ातिल बन जाऊँ।
सिर्फ 90 दिन दिल लगाकर मेहनत कर लो यकीन मानो तुम बाकी लोगो से बहुत आगे निकल जाओगे, तुम्हारा अगला 1 साल बहुत अलग होगा।
ज़िन्दगी से सब को मोहब्बत है… पर जिंदगी किसी की मोहब्बत नहीं बनती… तमन्ना ले कर जिते है सब लोग… मगर हर तमन्ना तकदीर नहीं बनती।
जहाँ से शुरू किया था सफ़र, फिर वहीं खड़े हो गए, अजनबी थे लो फिर अजनबी हो गए।
निगाहों से भी चोट लगती है जनाब, जब देख कर भी कोई अनदेखा कर दे।
तुमसे मेरा रिश्ता क्या है, क्या तुम यह कह पाओगे, रुह सा जो है बीच हमारे कोई नाम उसे दे पाओगे।
कुछ भी नहीं हूँ मैं सच है, पर क्या मुझे ठुकरा पाओगे, मुझसे न दर्द, ना ही सुकूँ है, पर क्या यादों से हटा पाओगे। मैं क्या हूँ, तुम क्या हो, क्या तुम कभी कह पाओगे।
शिकायत नहीं ज़िंदगी से, की तेरा साथ नहीं… बस तुम खुश रहना यार हमारी तो कोई बात नहीं।
हम तुमसे बेहतर लिखते हैं... पर जज्बात तुम्हारे अच्छे हैं… हम खुश हरदम रहते है... पर मुस्कान तुम्हारी अच्छी हैं… हम अपने उसूलों पर चलते हैं… पर ज़िद तुम्हारी अच्छी हैं… हम एक बेहतर शख्सियत हैं... पर सीरत तुम्हारी अच्छी हैं… हम तुमसे बहुत बहस करते हैं... पर दलीलें तुम्हारी अच्छी हैं… हम कितना भी कुछ कहते हैं... पर हर बात तुम्हारी अच्छी है।
वो हमें चाहे या ना ये उसकी रज़ा है, लेकिन उसे एक तरफ़ा प्यार करने का एक अलग ही मज़ा है।
हँसी आपकी कोई चुरा ही ना पाये, कभी कोई आपको रुला ना पाये, खुशियों के ऐसे दीप जले ज़िंदगी में, कि कोई तूफ़ान भी उसे बुझा ना पाये।
आकर मेरे मैखाने में मेरा जाम बदल देना, अगर कोई मुझसा तुम्हे चाहे तो मेरा नाम बदल देना।
रूठ जाओ कितना भी मना लेंगे तुम्हे, दूर जाओ कितना भी बुला लेंगे तुम्हे, दिल आखिर दिल है मेरा, कोई समंदर की रेत तो नही, जो लिख कर नाम तेरा... मिटा देंगे उसे।
काग़ज़ सा मैं कोरा, और रंग तेरा गोरा… उभर जा तू मुझमें, कहे ये जिया मोरा… बाद—ए—नौ—बहार चली, जैसे इश्क़ थोड़ा थोड़ा… मज़ा पल—पल जीने में है, तो क्या करेगा समय का भरा कटोरा।
बंद रखते हैं जुबान होठ, खोला नहीं करते… चाँद के सामने सितारे बोला नहीं करते… बहुत याद करते हैं, हम तुझको… लेकिन अपना ये राज़ होंठों से खोला नहीं करते।
ज़िन्दगी में सफल होना चाहते हो तो अपने काम पर ध्यान लगाओ, लोगो की बातों पर नही।
सुबह—सुबह आपको एक पैगाम देना है, आपको सुबह का पहला सलाम देना है, गुज़रे सारा दिन आपका ख़ुशी—ख़ुशी, आपकी सुबह को खुशियों का पैग़ाम देना है।
परवाह कर उसकी जो तेरी परवाह करे, जिंदगी में कभी न तन्हा करे, रूह बन कर उतर जाना उसकी रूह में, जो जान से भी ज्यादा तुझसे वफ़ा करे।
मैं वफा हूँ, तू मुहब्बत है… मैं यकीन हूँ, तू राज है… मैं हुश्न हूँ, तू दर्पण हैं… मैं कश्ती हूँ, तू साहिल हैं… मैं ख्वाब हूँ, तू सच हैं… मैं अधुरा स्तंभ हूँ, तू उंचा मीनार है… मैं मौन हूँ, तू अल्फाज है… मैं नशा हूँ, तू जाम है।
लोग पूछते है तुमने उसमें ऐसा क्या देखा, मैंने कहा उसको देखने के बाद, किसी और को देखने की फुरसत किसे थी।
जिंदगी हमारी यूं सितम हो गई, खुशी ना जानें कहां दफन हो गई, लिखी खुदा ने मुहब्बत सबकी तकदीर में, हमारी बारी आई तो स्याही खत्म हो गई।
मेरे बजूद में काश तू उतर जाए, मैं देखूं आईना और तू ही तू नज़र आये, तू हो सामने और ये वक्त ठहर जाये, और ये ज़िन्दगी तुझे देखते हुए ही गुजर जाये।
जितनी खूबसूरत ये सुबह है, उतना ही खूबसूरत आपका हर पल हो, जितनी भी खुशियाँ आज आपके पास हैं, उससे भी अधिक आने वाले कल हो।
दूरियां बहुत है मगर पास रहकर भी कोई खास नही होता, और तुम तो मेरे दिल के इतने पास हो की मुझे दूरियों का एहसास नही होता।
वो हमें चाहे या ना ये उसकी रज़ा है, लेकिन उसे एक तरफ़ा प्यार करने का भी एक अलग ही मज़ा है।
मुझे वो लाखों लोग नहीं चाहिये जो मेरी झूठी तारीफ करे, बस एक शख्स की तलाश है जो मुझे जान से भी ज्यादा प्यार करे।
दिल तड़प उठा अक्सर मोहब्बत निभाते हुए, अजीब लगता है अब उसे फोन लगाते हुए, इक वक़्त था, रो लिया करते थे दिल खोलके, अब तो गला भर आता है आंसू छुपाते हुए, जाने कितने ही वादे किए थे उसने अक्सर… हां, वही देर रात तक मैसेज से जगाते हुए, याद है उसका कहा कि बिछड़े तो मर जाएंगे, वो इक आंसू भी तो न रोया हाथ छुड़ाते हुए, ये दिल अब पत्थर सा हो गया ऐसे हालात में, इक उम्र फिर लगेगी दिल को दिल बनाते हुए, इतना आसान कहाँ होता है भूल पाना सबकुछ, कई रातें लगती है यादों का शहर जलाते हुए।
वो ख़्वाब बस अब एक ख़्वाब ही रह गया, मरने से पहले वो शख्स बस इतना सा कह गया।
हसरतें कुछ और है, वक़्त की इल्तजा कुछ और, कौन जी सका है जिंदगी को अपनी मर्जी से, दिल चाहता कुछ और हैं, और होता कुछ और है।
सुब कुछ हासिल नहीं होता ज़िन्दगी में यहाँ साहब, किसी का 'काश' तो किसी का 'अगर' रह ही जाता है।
सारा जहाँ उसी का है जो मुस्कुराना जानता है, रौशनी भी उसी की है जो शमा जलाना जानता है, हर जगह मंदिर मस्जिद और गुरूद्वारे है लेकिन, ईश्वर तो उसी का है जो सर झुकाना जानता है।
दिल भी न जाने किस किस तरह ठगता चला गया, कोई दिल को अच्छा लगा और लगता चला गया।
महफ़िल में हँसना हमारा मिजाज बन गया, तन्हाई में रोना एक राज बन गया, दिल के दर्द को चेहरे से जाहिर न होने दिया, बस यही जिंदगी जीने का अंदाज बन गया।
लिखना दिल का हिसाब चुपके से, मुझको देना जबाब चुपके से… हर पन्ने पर है गुफ्तगू तुमसे, पढ़ना दिल की किताब चुपके से।
लोग बेवजह ढूंढ़ते हैं खुदकुशी के तरीके हजार, इश्क करके क्यों नहीं देख लेते वो एक बार।
खाली पलके झुका देने से नींद नही आती है जनाब, सोते वो लोग है जिनके पास किसी की यादें नहीं होती।
कह दो जा कर दिमाग से दिल से टकराया न करे… इश्क़ की दिल से यारी है वो बीच में न आया करे।
तुम्हारी मोहब्बत मे इतना नशा है… इसलिये तो ये सारी दुनिया हमसे खफ़ा है।
ना करो हमसे इतनी मोहब्बत कि दिल ही हमसे पूछे कि… तुम्हारी धड़कने कहाँ है।
कितना सुंदर लिखा है किसी ने, प्यास लगी थी गजब की… मगर पानी मे जहर था... पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते।
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए, ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए।
वक़्त ने कहा... काश थोड़ा और सब्र होता, संब्र ने कहा… काश थोड़ा और वक़्त होता।
शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी, पर चुप इसलिये हूं कि, जो दिया तूने, वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता।
मालूम है की ख़्वाब झूठे है, और ख्वाहिशें अधूरी है पर ज़िंदा रहने के लिए कुछ गलतफहमियाँ भी ज़रूरी है।
दे कोई तो वजह मुस्कुराने की, मेरे पास खुशियाँ नहीं ज़माने की।
हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब बन कर मिला करो… भटके मुसाफिर को चांदनी रात बनकर मिला करो।
अगर तुम न होते तो गजल कौन कहता, तुम्हारे चेहरे को कमल कौन कहता, ये तो करिश्मा है मोहब्बत का, वरना पत्थर को ताजमहल कौन कहता।
जिसकी जैसी नीयत है, वो वैसी ही फितरत रखता है, कोई परिदों के लिए बंदूक, तो कोई परिदों के लिए पानी रखता है।
किसी को परेशान देखकर अगर हमें तकलीफ होती है, तो यकीन मानिए ईश्वर ने हमें इंसान बनाकर कोई गलती नहीं की है।
जमीं को छुपाने के लिए गगन होता है… दिल छुपाने के लिए बदन होता है… शायद मरने के बाद भी शरीर मे रह जाते है कुछ गम… इसलिये उनको छुपाने के लिए हर लाश के ऊपर कफ़न होता है।
तेरी याद क्यूँ आती है ये मालुम नहीं… लेकिन जब भी आती है अच्छा लगता है।
जाने लोग मोहब्बत को क्या—क्या नाम देते है… हम तो तेरे नाम को ही मोहब्बत कहते है।
आंखें पढ़ो, और जानो हमारी रज़ा क्या, हर बात लफ़्ज़ों से बयान हो, तो मज़ा क्या, बहारें जब खिलती है तो फूल खिल जातें है, इश्क जवां होता है तो दो दिल मिल जाते है।
इश्क की राहें भी बहुत अजीब होती है, लफ्ज आँखों से बयां होते है, और होठ सिल जाते है।
इस दौर के लोगों में वफा ढूंढ रहे हो, बड़े नादान हो साहब जहर की शीशी में दवा ढूंढ रहे हो।
अगर मुसीबतें है तो मुस्कुरा के चल, आँधियों को पैरों तले दबा के चल, मंजिलों की औक़ात नही तुझसे दूर रहने की,
विश्वास इस क़दर खुद में जगा के चल।
पहले ज़मीं बँटी फिर घर भी बँट गया, इंसान अपने आप में कितना सिमट गया।
भंवर से निकल कर एक किनारा मिला है, जीने को फिर एक सहारा मिला है, बहुत कश्मकश में थी ये जिंदगी मेरी, अब इस जिंदगी में साथ तुम्हारा मिला है।
बिछे थे राहों में ना जाने फूल कितने, दिल को जो भा गया वो गुलाब हो तुम।
चल चलें, किसी ऐसी जगह, जहाँ कोई न तेरा हो न मेरा हो इश्क़ की रात हो और बस, मोहब्बत का सवेरा हो।
मन की ये बेचैनियाँ शब्दों का ये मौन… तुम बिन मेरे दिल को समझे कौन।
कत्ल हमारा हुआ, इस तरह किस्तों मे… कभी खंजर बदल गया कभी कातिल बदल गया।
इश्क दिवाना हुस्न भी घायल, दोनो तरफ इक दर्दे जिगर है… दिल की तडप का हाल न पूंछो, जितनी इधर है उतनी उधर है।
दिल जीत ले वो जिगर हम भी रखते है, क़ातिल कर दे वो नज़र हम भी रखते है… वादा किया है किसी से सदा मुस्कुराने का, वरना आँखो मे समंदर हम भी रखते है।
इन्सानियत की रौशनी गुम हो गई कहाँ, साए तो है आदमी के... मगर आदमी है कहाँ।
किस बात पर मिजाज बदला बदला सा है… शिकायत है हमसे, या यह असर किसी और का है।
हम जहां भी लिख दें इश्क समझ लेना तुम ही हो।
मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है, हर पहलू ज़िन्दगी का इम्तेहान होता है, डरने वालों को मिलता नहीं कुछ ज़िन्दगी में, लड़ने वाले के कदमों में जहान होता है।
मैं हर रोज तेरे दिए हुए जख्म भरता हूं, मैं आज भी तुमसे ही मोहब्बत करता हूँ।
चलो अच्छा हुआ कि शाम ही तन्हा गुज़री, मिल के बिछड़ते तो रात कटनी मुश्किल होती।
जिन्दगी में ये हुनर भी आजमाना चाहिए… अपनों से हो जंग तो हार जाना चाहिए।
माफी मांगने का मतलब यह नहीं है कि हम गलत है या सामने वाला सही है… इसका मतलब है कि हम रिश्तों को
अपने अंहकार से ज्यादा महत्व देते है।
सफ़र की हद है वहां तक की कुछ निशान रहे, चले चलो की जहाँ तक ये आसमान रहे, ये क्या की उठाये कदम और आ गयी मंजिल, मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे।
टूट कर चाहूंगा तुझे मौत की आह तक… भले लगती हो किसी रश्म को गुनाह तक।
खिल जाता हूँ तुझे देख कर कमल की तरह… काश तू मिल जाये मुझे किसी गजल की तरह।
उसने कहा बहुत महंगा पड़ेगा मुहब्बत का दर्द, मैने भी कह दिया... सस्ती तो हमारी मुहब्बत भी नहीं।
ना रख किसी से मोहब्बत की उम्मीद ऐ दोस्त… कसम से लोग खुबसूरत बहुत है पर वफादार नहीं।
इल्म—ओ—अदब के सारे खजाने गुजर गए, क्या खूब थे वो लोग पुराने गुजर गए, बाकी है बस जमीं पे आदमी की भीड़, इंसान को मरे हुए तो ज़माने गुजर गए।
जल जाता है वो दीये की तरह, कोई जीवन रोशन कर जाता है, कुछ इसी तरह से हर गुरु, अपना फर्ज निभाता है।
जब किसी की लाइफ में नए लोग आ जाते है तो पुराने लोगो की वैल्यू कम हो जाती है।
फलसफा समझो न असरारे सियासत समझो, जिन्दगी सिर्फ हकीक़त है इसे हकीक़त समझो, जाने किस दिन हो हवायें भी नीलाम यहाँ, आज तो साँस भी लेते हो ग़नीमत समझो।
जब बिठा लिया उस शैतान को हमनें अपने सीने में, तो धड़कने भी बोल उठी मेरी कि... अब मज़ा आ रहा है जीने में।
बड़ी शैतान है उनकी निगाहें, किसी को पता चले बिना जान लेती है, इस प्यार का अंदाज़ न जाने कैसा है, हम क्या बताये ये राज़ कैसा है, कौन कहता है आप चाँद जैसे हो, हम तो कहते है कि चाँद आप जैसा है।
तोड़ कर जोड़ लो चाहे हर चीज़ दुनिया की, सब की मरम्मत मुमकिन है ऐतबार के सिवा।
उसने पूछा मेरे बिना कैसे रहते हो तुम, मैंने रेत पर लाकर कुछ मछलियां रख दी।
मोहब्बत वक़्त के बे—रहम तूफान से नही डरती… उससे कहना बिछड़ने से मोहब्बत नही मरती।
वो कहती है मुझसे की में तुमसे प्यार तो नहीं करती हूँ, लेकिन में तुम्हारी प्यारी बातें बेहिसाब करती हूँ।
अच्छे इन्सान की सबसे पहली और सबसे आखिरी निशानी ये है कि वो उन लोगों की भी इज्जत करता है जिनसे उसे किसी किस्म का फायदा न हो।
दोस्ती का पहला पैगाम तेरे नाम, जिंदगी की आखरी सांस तेरे नाम… रहे सलामत यह दोस्ती अपनी, इसे सलामत रखना तेरा काम।
आंखें उसकी समंदर की दीवानी है… खामोश है, वो मगर उसमें लहरों की रवानी है...।उसे देखा था कभी समंदर को देख मुस्कुराते… मुझे उसकी आदत मरते दम तक दोहरानी है… ऐ ज़ालिम ये तूने कैसा सितम कर डाला, एक आँख मार के हमको खत्म कर डाला।
सब कहते है कि चाँद बादलों के पीछे छिप जाता है, मैं कहता हूँ वो घूँघट में छिप के भी दिलों में बस जाता है।
मैं कहता हूँ उससे की कभी तो मेरे ख्वाबों में आया करो, वो कहती है कि... तुम अपने दिल से बुलाया करो।
एक ख़्वाब देखा था कल मैंने… वो मेरे ख्वाबों में आके फिर से मुस्कुरायी थी, मुझे देख के घूँघट का पर्दा किया और थोड़ी सी घबरायी थी, धड़कने लगा उसका दिल जोरो से मुझे पास आता देख वो थोड़ी सी शरमायी थी, पकड़ के उसके हाथो को मैंने उसकी धड़कने बढ़ायी थी, बैठ के अपने पैरों पे उसे हीरे की अंगूठी भी पहनायी थी, चार चाँद तो तब लग गये उस ख़्वाब में जब बरसात भी धीमी धीमी आयी थी, गिरते देख बारिश की बूंदों को वो धीमे से मुस्कायी थी, कल रात मेरे ख्वाबों में वो ख्वाबों की रानी आयी थी।
घूँघट में बैठी है वो चाँद को छुपाकर, मुस्कुराहट ने घायल कर दिया है उसकी मुझे अपना बनाकर।
देख लिया होगा चाँद को तुम्हारे साथ इसलिए शायद सूरज भी जलता है, क्योंकि चाँद था आपके साथ इसलिए तो वो करोड़ो दिलों में रहता है।
तेरी ज़ुल्फ़ों से जुदाई तो नहीं माँगी थी… क़ैद माँगी थी रिहाई तो नहीं माँगी थी… मैने क्या ज़ुर्म किया तूम खफ़ा हो बैठे… प्यार माँगा था खुदाई तो नहीं माँगी थी… कभी यूँ भी आ मेरी आंखों में… कि मेरी नज़र को कोई खबर न हो।
तुझे भुलाने की दुआ भी मांगू… तो मेरी दुआ भी में कोई असर ना हो।
तेरी मोहब्बत में कुछ इस तरह से पागल है हम, तेरा दीदार तो करता ही है लेकिन तेरे नाम के लोगों से भी घायल है हम।
एक ख़्वाब: वो मेरे बिना अब एक पल भी ना रहे, आँखों ही आँखों से प्यार की बात कहे, मुझे पाने के खातिर सारे जग से वो लड़े, और उसकी बेपनाह मोहब्बत मुझपे यूँ टूट पड़े।
यूँ गलत भी नहीं होती चेहरों की तासीर लेकिन, लोग वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है।
मुकद्दर की लिखावट का इक ऐसा भी कायदा हो, देर से क़िस्मत खुलने वालों का दुगुना फ़ायदा हो।
दोस्ती करनी हो तो गणित के जीरो जैसी करो साहब जिसके साथ मिल जाओ उसकी कीमत बढ़ जाये।
एहसास के दामन में आंसू गिरा कर देखो, प्यार कितना है कभी हमे आज़मा कर देखो, बिछड़ कर तुमसे क्या होगी दिल की हालत, कभी किसी आईने पर पत्थर गिरा कर देखो।
कुछ बातें दिल को परेशान करती है… कुछ ख्वाइशें हमको हैरान करती है… न जाने कैसी कशमकश है जिंदगी की...
अभी भूले नहीं दर्द को, कि फिर तकलीफें याद करती है।
उसकी नशीली आँखों मे एक गहरा समंदर है, उसके लिए न जाने कितना प्यार मेरे दिन के अंदर है।
यूँ थम सी गयी धड़कने मेरी, इतना प्यार लेके मेरे ख्वाबों में न आया करो।
कहाँ ढूढ रहे उस बेशकीमती नूर को, आईने में ही देख लीजिए कोहिनूर को।
मैं उनसे प्यार तो नहीं करता… लेकिन उनकी प्यारी बाते बेहिसाब करता हूँ।
मुस्कुराने का वादा तो मैं नहीं करता… लेकिन मैं अपने दिल को आज तेरे नाम करता हूँ।
हिसाब किताब सिर्फ ऊपर वाले ने ही सही लगाया, सबको खाली हाथ भेजा खाली हाथ बुलाया।
यूँ ही नहीं पसंद किया करते है उनके अल्फाज़ो को, ज़रूर टूटा होगा दिल उनका भी इसलिए सुन लिया करता हूँ मैं अक्सर ग़ालिब को।
उनका झूठ भी सच लगता है हमको, इतने प्यार से बोलते है वो की यकीन करना पड़ता है सबको।
अपनी मोहब्बत से सजाना है तुझको, कितनी चाहत है तुझसे, ये बताना है तुझको, राहों में तेरी बिछाकर मोहब्बत अपनी, इश्क के सफर पर ले जाना है तुझको।
हवा से कह दो खुद को आज़मा के दिखाये, बहुत चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये, दिल के ज़ज़्बात पे हँस दिए वो, खुश हूँ इस बात से की मुस्कुरा दिए वो।
दर्द पासे के जैसा पलट जाएगा… छोड़ कर जाएगा फिर लिपट जाएगा… प्यार गर घट गया वक़्त के साथ... तो दर्द भी वक़्त के साथ घट जाएगा… चाँद भी शर्मा जाए उतना उसमे नूर है, मैं सच कह रहा हूँ यारो मेरी वाली कोहिनूर है।
झुकने से रिश्ते गहरे हो तो झुक जाओ… पर हर बार खुद को ही झुकना पड़े तो रुक जाओ।
तुमने वादा तो किया था ख्वाब में मिलने का.. ये हमारी बदनसीबी कि हमें नींद ही नहीं आयी।
दिल के रिश्ते का कोई नाम नही होता, हर रास्ते का कोई मुकाम नही होता, अगर निभाने की चाहत हो दोनों तरफ, कसम से कोई रिश्ता नाकाम नही होता।
छुपे—छुपे से रहते है, सरेआम नहीं होते, कुछ रिश्ते सिर्फ एहसास है, उनके नाम नहीं होते।
तेरे लिए तो मैं जिंदगी भर का इंतज़ार भी कर लूँ, तू हाँ कर या ना कर मैं तुझसे बेपनाह मोहब्बत कर लूँ।
इंसान का व्यक्तित्व तभी उभर के आता है, जब वो अपनो से ठोकर खाता है।
जूते फटे पहन कर आकाश पे चढ़े थे, सपने हमेशा हमारे औकात से बड़े थे।
वो देख के मेरे अल्फाज़ो को थोड़ी सी शर्मायी, कसम ख़ुदा की ऐसा लगा जैसे जन्नत खुद जमीं पे आयी।
देख कर के उसे मेरी आँखें भर आयी, कल रात फिर से वो मेरे सपने में थी आयी।
वो रूठी है मुझसे मैं उसे मनाऊं कैसे, दिल दे बैठा हूँ उसे अब ये समझाऊं कैसे।
समय जब निर्णय करता है, तब गवाहों की जरूरत नही होती।
कोई "जी" कहे हमें ये भी हमारा एक ख़्वाब है, और ख्वाबों की शहज़ादी अगर ये कहे तो लगता है जैसे हम कोई नवाब है।
कुछ दफ़्न सा है सीने में, उसे दफ़्न ही रहने दो… झूठी मुस्कान है चेहरे पे, उसे झूठा ही रहने दो… कुछ ज़ख़्म हरे है सीने में, उसे हरा ही रहने दो… हम अकेले रह गए रिश्ते में, हमें अकेला ही रहने दो, ज़िन्दगी से कोई उम्मीद ना है, अब हमें ना उम्मीद रहने दो।
वहम से भी अक्सर खत्म हो जाते है कुछ रिश्ते, कसूर हर बार गल्तियों का ही नही होता।
दुआओ में मांग हम चुकें है तुझे, कुबूल होने का इंतज़ार हमे उम्र भर रहेगा।
मोहब्बत की हद न देखना जनाब, साँसे खत्म हो सकती है, पर मोहब्बत नही।
मेरी फितरत में नहीं अपना गम बयां करना, अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ तो महसूस कर।
चलो चाँद का किरदार अपना लें हम दोस्तों, दाग अपने पास रखें और रोशनी बाँट दे।
भिगोकर खून में वर्दी कहानी दे गए अपनी… मोहब्बत मुल्क की सच्ची निशानी दे गए अपनी… मनाते रहे खुशियां हम तुम अपनी वहाँ कश्मीर में सैनिक जवानी दे गये अपनी।
हमारे कुछ गुनाहों की सज़ा भी साथ चलती है… हम अब तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है।
मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है… जितना पाता हूँ गँवा देता हूँ, फिर उसी दर पे सदा देता हूँ… ख़त्म होता नहीं फूलों का सफ़र, रोज़ एक डाल हिला देता हूँ, होश में याद नहीं रहते हैं, ख़त बे—ख़याली में जला देता हूँ… सब से लड़ लेता हूँ, अंदर—अंदर जिस को जी चाहे हरा देता हूँ… कुछ नया बाक़ी नहीं है मुझ में, ख़ुद को समझा के सुला देता हूँ।
कोशिश के बाद भी जो मुकम्मल ना हो सके… तेरा नाम भी उन्ही ख्वाहिशों में शामिल है।
उनकी हंसी मुस्कान होश उड़ा देती है, उनकी आँखें जहां भुला देती है, आएगी आज रात वो ख्वावों में दोस्तो, यही ख्वाहिश हमें रोज़ सुला देती है।
तेरे प्यार में दो पल की ज़िन्दगी बहुत है, एक पल की हँसी और एक पल की ख़ुशी बहुत है… ये दुनिया मुझे जाने या न जाने, तेरी आँखें मुझे पहचाने मेरे लिए यही बहुत है।
जब भी मिलती है मुझे अजनबी लगती क्यूँ है… ज़िंदगी रोज़ नये रंग बदलती क्यूँ है।
तुम से बिछड़े है तो अब किस से मिलाती है हमें… ज़िंदगी देखिये क्या रंग दिखाती है हमे।
आजमाना अपनी यारी को पतझड़ में दोस्त, सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है।
मेरी हालत से मत लगाओ मेरी उम्र का अंदाजा, जितनी जिंदगी तुमने जी है उतनी तो हमने बर्बाद की है।
न वो सपना देखो जो टूट जाये, न वो हाथ थामो जो छूट जाये… मत आने दो किसी को करीब इतना, कि उसके दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये।
एक चेहरा निगाहों में इस कदर उतर गया… मुझे देखना था कहीं और मैं उसको देखता रह गया… क्या हाल सुनाऊंअब दिल का मेरे… जब से हुई है मुहब्बत उस अनजान से, निगाहों का हर नजारा बदल गया।
हसरते कुछ और है, वक़्त की इल्तजा कुछ और है… कौन जी सका ज़िन्दगी अपने मुताबिक… दिल चाहता कुछ और है, होता कुछ और है।
पलकें मोहब्बत का सहारा बनी, आशिकों के दिलों का इशारा बनी… पलकें मोहब्बत में रोती रहीं, आँसुओं में ये खुद को भिगोती रहीं… पलक एक ही तो थी, क्या से क्या हो गयी… बंद पलकें हुई तो शाम हो गयी, खुली पलकें तो देखो सुबह हो गयी।
सच को तमीज ही नही बात करने की, झूठ को देखो कितना मीठा बोलता है।
सुकून—ऐ—दिल के लिए कभी हाल तो पूँछ ही लिया करो, मालूम तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते।
वैसे तो शिकायते तुझ से हजारो है मगर ए जान, तेरी एक मुस्कान ही काफी है... सुलह के लिये।
अफवाह है या हकीकत है ये तो पता नहीं, सुना है तू भी मेरे इश्क में है।
तुम्हें दुश्मन भी प्यारे है मगर मैं ही नहीं हूँ बस… ख़ुशी की ज़द में सारे है मगर मैं ही नहीं हूँ बस… तुम्हारी चाह की फ़ेहरिस्त में दुनिया समाई है… ज़मीं है चाँद—तारे है मगर मैं ही नहीं हूँ बस।
छुपी है अन—गिनत चिंगारियाँ लफ़्ज़ों के दामन में, ज़रा पढ़ना ग़ज़ल की ये किताब आहिस्ता आहिस्ता।
रात ख़्वाबो मे आने से आपका क्या बिगड़ जायेगा, आपकी सैर हो जायेगी और हमारा दिल बहल जायेगा।
मेरे दिल की मजबूरी को कोई इल्जाम ना दे, मुझे याद रख बेशक मेरा नाम ना ले, तेरा वहम है की मैंने भुला दिया तुझे, मेरी एक सांस ऐसी नही जो तेरा नाम ना ले।
हमने खुदा से बोला वो छोड़ के चली गई, न जाने उसकी क्या मजबूरी थी, खुदा ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहीं, ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी।
इश्क और दोस्ती मेरे दो जहान है, इश्क मेरी रुह तो दोस्ती मेरा ईमान है, इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर मेरा इश्क भी कुर्बान है।
लिख दूँ कुछ तेरे बारे में, मुझे पता है कि तू रोज ढूंढती है, खुद को मेरे अल्फाजो में।
पाँव हौले से रख कश्ती से उतरने वाले, जिंदगी अक्सर किनारों से ही खिसका करती है।
अरमान तमाम उम्र के सीने में दफन है, हम चलते फिरते लोग मजारों से कम नहीं।
फिकर करता हूं तेरी, खाली जिक्र की आदत नहीं मुझको… कोई समझे न समझे, काश तू समझ जाता मुझको।
अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग है नज़रों से चूम लिया करते है।
कुछ नही चाहिए हमें, आपके लबो पर हमारा नाम ही काफी है.... आप दिल में रहते हो, जीने के लिए ये अरमान ही काफी है।
चाँद की चांदनी आँखों में उतर आयी, कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई, ये जो पलकों से बह रहे है हल्के हल्के, कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई।
होश का पानी छिड़को मदहोशी की आँखों पर, अपनों से कभी ना उलझो गैरों की बातों पर।
कहती है ये दुनिया अब हार मान जा, उम्मीद पुकारती है बस एक बार और सही।
सुविचार :- किसी के लिए समर्पण करना, मुश्किल नहीं है मुश्किल है उस व्यक्ति को ढूंढना जो आप के समर्पण की कद्र करे।
मेरी जिंदगी के किताब में, हर अध्याय तुम्हारा है… इसकी कहानी बेशक मेरी है… इसके हर पन्ने पर सिर्फ और सिर्फ नाम तुम्हारा है।
पहली मुलाकात थी और हम दोनों ही बेबस थे, वो अपनी जुल्फें न संभाल पाए और हम खुद को।
जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है, मंजिल के कई इम्तिहान अभी बाकी है, अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीं हमने, अभी तो सारा आसमान बाकी है।
अगर पाना है मंजिल तो अपना रहनुमा खुद बनो, वो अक्सर भटक जाते है, जिन्हें सहारा मिल जाता है।
अंधेरी रात में तारा बहुत ज़्यादा चमकता है… सुनहरे रंग पे काला रंग फबता है।
मुहब्बत नूर की हासिल है कालेपन को दुनिया में… तभी काजल लगाने से उजाला और बढ़ता है।
गुजरती है जो दिल पर, वो लब पर लाकर क्या होगा, समझकर जो न समझे, उसको समझाकर क्या होगा।
मुश्किल नहीं है कुछ दुनिया में, तू जरा हिम्मत तो कर, ख्वाब बदलेंगे हकीकत में, तू ज़रा कोशिश सी तो कर।
जिंदगी में एक प्यारी सी ख़ता करलो… इश्क हो जाये जिससे उसे इत्तला करदो… ना कर सको इक़रार तो बस इतना करलो… जिसे कहते हो आप, उसे बस तुम कह दो।
इश्क़ नाम का ये रोग, बहुतों को लग गया है… कोई आशिक़ बन गया, तो कोई बेताब बन गया है, ये आशिकी ले डूबी है, कईयों को।
कोई टूट चुका है, तो कोई धीरे—धीरे टूट रहा है… वो न आए उनकी याद वफ़ा कर गई, उनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गई, आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा, मज़ाक हमसे हवा कर गई।
छू ले आसमान ज़मीं की तलाश न कर, जी ले जिंदगी ख़ुशी की तलाश न कर, तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त, मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश न कर।
अपने काम मे इस कदर डूब जाओ कि सफलता के अलावा कुछ भी मंजूर ना हो।
यूँ तो बहुत है रास्तें मुझ तक पहुंचने के, राह—ऐ—मोहब्बत से आना, फासला कम पड़ेगा।
हम भी दरिया है हमें अपना हुनर मालूम है, जिस तरफ़ भी चल पड़ेगे, रास्ता हो जाएगा।
सफ़र में मुश्किलें आएँ, तो जुर्रत और बढ़ती है… अगर रास्ता कोई रोके, तो हिम्मत और बढ़ती है।
अगर दुश्मन समझ कर, मुझको कोई गाली देता है… सच कहूँ उससे मुहब्बत और बढ़ती है।
तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना, हम 'जान' तो दे देते है, मगर 'जाने' नहीं देते।
बिना संघर्ष कोई महान नही होता, बिना कुछ किये जय जय कार नही होता, जब तक नहीं पड़ती हथोड़े की चोट, तब तक कोई पत्थर भी लोगों के लिए भगवान नही होता।
दूरियों से फर्क नहीं पड़ता, मुद्दा तो ये है कि दिलों में मोहब्बत कितनी है।
तेरी मोहब्बत ने हमे बेनाम कर दिया, हमे हर ख़ुशी से अंजान कर दिया, हमने तो कभी नही चाहा था हमे मोहब्बत हो, लेकिन उसकी पहली नज़र ने ही हमे नीलाम कर दिया।
जो हो गया उसे सोचा नहीं करते, जो मिल गया उसे खोया नहीं करते, हासिल उन्हे होती है सफलता…. जो वक्त और हालात पर रोया नहीं करते।
कभी किसी का बेवजह इंतजार मत करना, क्योंकि वक्त तुम्हारा बरबाद होता है, और किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
मैंने कब कहा मुझे गुलाब दे, या फिर मुहब्बत से नवाज़ दे, आज बहुत उदास है दिल मेरा, ग़ैर बनकर ही सही पर मुझे आवाज़ दे।
ये नजारा भी अब खूबसूरत नजर आता है… ये रास्ता भी तेरी तलाश में चला जाता है… बस मेरी निगाहें नहीं थकती, जिस किसी को देखू तेरा ही चेहरा नजर आता है।
कभी टूटते है तो कभी बिखरते है, विपत्तियों से ही इन्सान ज्यादा निखरते है।
हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है… शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है।
कितने सिद्दत से उन्हें याद करते है हम… और एक वो है जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है।
इतने जल्द, ना सारे राज़ बताया करो… गर बात लंबी करनी है, कुछ राज़ छिपाया करो।
ए दिल की धड़कनों अब तुम समझ जाना… अब कहीं और होगा अपना ठिकाना।
वो आए तो हम चले गए, उन्हें दास्तान हमारी फुर्सत से बताना।
कोई नहीं मेरा अब मुझे अपनों ने बता दिया… मिली ना मंजिलें रास्तों ने भी ठुकरा दिया, आशियाना मिला गमों का, मुकद्दर बना दर्द मेरा… मुझे दर्द ने इस कदर सवार दिया, कोई नहीं आता सफर में साथ मुझे वक्त ने बता दिया।
साहब घायल तो यहाँ हर एक परिंदा है, मगर जो फिर से उड़ सका वही ज़िंदा है।
जब किसी की रूह में उतर जाता है मोहब्बत का समंदर, तब लोग जिन्दा तो होते है, लेकिन किसी और के अंदर।
जल को बर्फ़ में बदलने में वक्त लगता है, सूरज को निकलने में वक्त लगता है, किस्मत को तो हम बदल नही सकते, लेकिन अपने हौसलो से किस्मत बदलने में वक्त लगता है।
मुहब्बत जिसकी ख़ातिर दिल में मेरे आई थी… वो तब नादान थी मेरी नहीं हो पाई थी… मुहब्बत हो गई है आजकल उसको सुना है… मुहब्बत ना करने की जिसने कसम खाई थी।
अपनी हर फतह पर इतना गुरुर मत कर, मिट्टी से पूछ आज सिकंदर कहां है।
दिल को कुछ दर्द भी देना जरूरी है, जहर इस ज़िन्दगी का पीना जरूरी है, थोड़ा दूसरों के काम आ सके हम, कुछ ऐसा भी तो करना जरूरी है, ये महफ़िल समझ ना पाए आपकी बातों को, खुद को थोड़ा मासूम बनाना भी जरूरी है, कोई भी नही सुनता हमारी दिल की बातों को, लगता है अब दर्द को दबा देना ही जरूरी है, नींद को पलकों पे रख लो आप सब, हमारे लिए आंखों में ख्वाबों को जीना जरूरी है, सोचते है अब याद ना किया जाये उसको, उसे भी दो घड़ी चैन से रहने देना जरूरी है, दुनियां के डर से हमेशा चलते रहे भीड़ वाली राहों पर, अब मंजिल के लिए खुद में आग लगाना जरूरी है।
नज़रअंदाजी कहीं इशारा तो नहीं, हमसे ताल्लुकात तोड़ लेने का।
कहीं रूठ गये तो मना नहीं पाओगे, जाना इतने दूर चले जायेंगे… माना जहाँ में नज़ारे और भी हैं, कोई हम सा मिलेगा तो मान जायेंगे।
दिल पर रहा ना काबू किसी की ओर जाने लगा, मंजिल का पता नही लेकिन सफर का मजा आने लगा।
हर दफा खुद से मिलने की बात हो रही है, तेरे बिना ही क्यों रोज़ बरसात हो रही है।
रहो अगर तो मेरी मंज़िल बस तुम ही रहो, या फिर मैं सफ़र में रहूँ और तुम भटकती रहो।
हम जानते है तू ही फिजां और तू ही बहार है, और कहूँ तो तू ही जिंदगी और तू ही संसार है।
पता है, तुम्हें पाना मुश्किल है… पर फिर भी बेसब्री से तेरा ही इंतजार है, अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो, सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से तुमको प्यार है।
इस जहान में कब किसी का दर्द अपनाते है लोग, रुख हवा का देखकर अक्सर बदल जाते है लोग।
आपकी रहमत में अर्जियां नहीं चलती, दिलो के खेल में खुदगर्जी नहीं चलती, चल ही पड़े हो तो ये जान लीजिए हुज़ूर, इश्क़ की राह में मनमर्जियां नहीं चलती।
नज़दीकियों का असल रंग, दूरियों में झलकता है, नज़दीकियों में वहम, और दूरियों में प्यार पनपता है।
फेसबुक सा फेस है तेरा, गूगल सी हैं आँखें, सर्च करके एंटर करूँ तो, बस मुझको ही ताकें।
अभी दिक्कतों की धूप है आगे राहत की छाव होगी, जितना भी बुरा बोले हमें जमाना, फिर से दो गुनी हौसलों की उड़ान होगी।
समंदर बेबसी अपनी किसी से कह नहीं सकता, हजारों मील तक फैला है, फिर भी बह नहीं सकता।
ज़िंदा रहने की अब ये तरकीब निकाली है, ज़िंदा होने की खबर सब से छुपा ली है।
खुशबू ने फूल को एक अहसास बनाया, फूल ने बाग को कुछ खास बनाया, चाहत ने मोहब्बत को एक प्यास बनाया, और इस मोहब्बत ने एक और देवदास बनाया।
ख्वाईशों को उम्मीद के समंदर में कश्ती तैरानी है, कलम घिस गई लिखते लिखते, मगर किताब पुरानी है, जिंदगी कुछ नहीं मेरी, चंद् पन्नों की कहानी है।
खुद को भी कभी महसूस कर लिया करो, कुछ रौनकें खुद से भी हुआ करती है।
वो पूँछतें है कि हमे क्या हुआ है, अब हम उनसे कैसे कह उनसे इश्क हुआ है।
हमारी ज़िंदगी हमारी साँस बन गए हो तुम, खूबसूरत मोहब्बत का एहसास बन गए हो तुम, हमे जरूरत है सांसो से ज्यादा तुम्हारी, क्योंकि हमारी ज़िंदगी का एक हिस्सा खास बन गए हो तुम।
जाम पर जाम पीने से क्या फायदा, शाम को पीके सुबह को उतर जाएगी, जरा दो घूट इश्क की पी कर देखो, तेरी सारी जिंदगी नशे में गुजर जायेगी।
हमसे एक वादा करो हमे रुलाओगे नही, हालात जो भी हों कभी हमे भुलाओगे नही, अपनी आँखों में छुपा कर रखोगे हमको, और फिर किसी को दिखाओगे नही।
ज़िंदगी में समस्या देने वाले की हस्ती कितनी भी बड़ी क्यों न हो… पर भगवान की "कृपादृष्टि" से बड़ी नहीं हो सकती।
शतरंज में वजीर और ज़िन्दगी में ज़मीर, अगर मर जाये, तो समझिये खेल खत्म।
न गुलफाम चाहिये, न कोई सलाम चाहिये, मोहब्बत का बस कोई पैगाम चाहिये, और जिसको पीकर उड़ जायें होश हमारे, हमारे ल्वजो को तो ऐसा ज़ाम चाहिये।
उसका ये ऐलान है कि वो मजे में है, या तो वो फ़कीर है या फिर नशे में है।
लफ्जों में अक्सर तेरा ज़िक्र होता है… नजरों का लम्हा तेरा इंतजार करता है… तेरे आशियाने से आगे जाते ही नहीं कदम… मेरे दिल का कातिल है जो तू यही रहता है।
भूल कर भी अपने दिल की बात किसी से मत कहना, यहाँ कागज भी जरा सी देर में अखबार बन जाता है।
सफर वहीं तक जहाँ तक तुम हो, नजर वहीं तक जहां तक तुम हो, हज़ारों गुल देखें हैं गुलशन में हमने, पर खुशबू वहीं तक जहां तक तुम हो।
शर्म नहीं आती उदासी को भी अब… मुद्दतों से मेरे घर की मेहमान बनी हुई है।
जो नींद में हो या जागते हो, पलक पे सपने मेरे ही रखना… सवाल दिल में कोई न रखना, जवाब दिल में भले ही रखना, अगर ज़रूरी तुम्हारा हो जाना, तो जाते जाते ये बात सुन कर जाना… ख़याल रखना मगर ए जाना, ख़याल में भी अपने मुझे ही रखना।
किस्मत भी हम पर क़यामत ढा गयी, हम उनके लिए जगे, उन्हें नींद आ गयी।
सतरंगी अरमानों वाले सपने दिल में पलते है, आशा और निराशा की धुन में रोज मचलते है, बरस—बरस के सावन सोंचे, प्यास मिटाई दुनिया की, वो क्या जाने दीवाने तो सावन में ही जलते है, दो शब्द तसल्ली के नहीं मिलते इस शहर में, लोग दिल में भी दिमाग लिए घूमते है।
प्यार में कोई तो दिल तोड़ देता है, दोस्ती में कोई तो भरोसा तोड़ देता है, जिंदगी जीना तो कोई गुलाब से सीखे, जो खुद टूट कर भी दो दिलों को जोड़ देता है।
हसीं गुलाब से जब तेरी सी खुशबू आती है, क़सम ख़ुदा की तेरी याद बहुत आती है।
ऐसा तो नही की हमको जिंदगी प्यारी नही, बात ये है कि तेरे बिना, अब ये हमारी नही।
किरदार की कद्र होती है वरना कद में तो, साया भी इंसान से बड़ा होता है।
खोकर पाने का मज़ा ही कुछ और है, रोकर मुस्कुराने का मज़ा ही कुछ और है, हार तो जिंदगी का हिस्सा है मेरे दोस्त, हार के बाद जीतने का मजा ही कुछ और है।
अपनी जिंदगी में वही इंसान कामयाब होता है, जिसे टूटे को बनाना और रूठे को मनाना आता है।
तुम रहो आँखों के सामने तो गीत कोई अधूरा रहता नही, जज़्बात बहते रहते हैं और तुम खुद ग़ज़ल बन जाती हो, लोग कहते है कि मोहब्बत मे सिर्फ़ दर्द ही मिलता है, सच तो ये है कि तुम मेरे हर दर्द की दवा बन जाती हो।
एक किताब की तरह हूँ मैं, कितनी भी पुरानी हो जाए, पर उस के अलफ़ाज़ नहीं बदलेंगे, कभी याद आये तो पन्ने पलट कर देखना, मेरे दिल की जज़्बात नहीं बदलेंगे।
जानते है तुम सो गए हो मुझे पढ़ते हुए, मगर हम रात भर जागेंगे तुम्हे लिखते हुए।
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