चंपई सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता और मौजूदा मंत्री, झारखंड के अगले मुख्यमंत्री होंगे। आपको बता दे कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने ये फैसला झारखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद लिया है। चंपई सोरेन हेमंत सोरेन के गरीबी रिश्तेदार बताई जा रहे हैं वर्तमान सरकार में वह कैबिनेट मंत्री की कुर्सी संभाल रहे थे।
कौन हैं चंपई सोरेन?
चंपई सोरेन का जन्म 25 दिसंबर, 1964 को झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के जिलिंगगोड़ा गांव में हुआ था। उनके पिता, जगन्नाथ सोरेन, झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेता थे और उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
चंपई सोरेन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से प्राप्त की। उन्होंने रांची के बिरसा कॉलेज से अपने स्नातक की पढाई पूरी की।
चंपई सोरेन ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1990 के दशक में की। वह पहली बार 1995 में सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक चुने गए। 1998 में, वह झामुमो में शामिल हो गए और 2000 में फिर से सरायकेला से विधायक चुने गए।
2005 में, झामुमो के नेतृत्व में त्रिशंकु विधानसभा में चंपई सोरेन को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। 2009 में, वह फिर से सरायकेला से विधायक चुने गए।
2014 में, चंपई सोरेन को झारखंड सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन मंत्री बनाया गया। 2019 में, उन्हें यातायात, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बनाया गया।
चंपई सोरेन को झारखंड के आदिवासी समुदायों के एक मजबूत नेता के रूप में देखा जाता है। वह एक कुशल वक्ता और संगठनकर्ता भी हैं।
चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने से झारखंड मुक्ति मोर्चा को एक मजबूत नेतृत्व मिलेगा। वह राज्य के विकास और आदिवासी समुदायों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।
चंपई सोरेन पर भी है कई घोटाले के आरोप:
- झारखंड में भूमि घोटाला: ईडी ने चंपई सोरेन पर 2023 में आरोप लगाया कि उन्होंने झारखंड में भूमि अधिग्रहण घोटाले में 100 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की। ईडी ने सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच शुरू की।
- झारखंड में खनन घोटाला: ईडी ने चंपई सोरेन पर 2022 में आरोप लगाया कि उन्होंने झारखंड में खनन घोटाले में 150 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की। ईडी ने सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच शुरू की।
- झारखंड में भ्रष्टाचार: चंपई सोरेन पर झारखंड में भ्रष्टाचार के कई आरोप भी हैं। उन्हें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करके अवैध रूप से धन अर्जित किया है।
इन घोटाले के मामलों में चंपई सोरेन को अभी तक किसी भी आरोप में दोषी नहीं ठहराया गया है। हालांकि, इन मामलों ने उनके राजनीतिक करियर को जरूर प्रभावित किया है।
चंपई सोरेन लगातार इन घोटाले के मामलों से इनकार किया है और कहा है कि वह इन मामलों में निर्दोष हैं।
चंपई सोरेन के कार्यकाल की चुनौतियां
चंपई सोरेन के कार्यकाल की सबसे बड़ी चुनौती राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारना होगा। झारखंड एक गरीब राज्य है और यहां बेरोजगारी दर भी अधिक है। चंपई सोरेन को राज्य में औद्योगीकरण और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए काम करना होगा।
दूसरी चुनौती राज्य में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करना होगी। झारखंड में हिंसा और अपराध की घटनाएं आम हैं। चंपई सोरेन को राज्य में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाने होंगे।
तीसरी चुनौती राज्य में आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना होगी। आदिवासी समुदायों को अक्सर भूमि अधिग्रहण और अन्य मुद्दों के कारण परेशान किया जाता है। चंपई सोरेन को आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करना होगा।
चंपई सोरेन एक अनुभवी नेता हैं और उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया है। उम्मीद है कि वह झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में इन चुनौतियों का सामना करने और राज्य के विकास के लिए काम करने में सक्षम होंगे।