पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के नतीजे एक अनपेक्षित मोड़ पर आ खड़े हुए हैं। किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के कारण सरकार गठन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, इन चुनावों में सबसे अहम बात सामने आई है इमरान खान समर्थक निर्दलीय उम्मीदवारों का शानदार प्रदर्शन। उन्होंने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं, जिससे सत्ता समीकरण बिगाड़कर रख दिया है।
पाकिस्तान आम चुनाव 2024 के नतीजे
पार्टी | जीती सीटें |
---|---|
निर्दलीय (पीटीआई समर्थक) | 103 |
पीएमएल-एन | 85 |
पीपीपी | 54 |
अन्य | 23 |
कुल सीटें | 265 |
निर्दलीयों का दबदबा, पार्टियां पीछे:
nचुनाव आयोग के अंतिम आंकड़ों के मुताबिक, इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थन से चुनाव लड़े निर्दलीय उम्मीदवारों ने कुल 103 सीटें जीती हैं। वहीं, नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 85 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को 54 सीटें मिली हैं। अन्य छोटी पार्टियों और निर्दलीयों ने मिलकर 23 सीटें जीती हैं। सरकार बनाने के लिए 265 सीटों वाली संसद में कम से कम 133 सीटों की जरूरत है, जिसे किसी भी पार्टी ने हासिल नहीं किया है।
नवाज और इमरान ने जताया जीत का दावा:
चुनाव प्रचार के दौरान एक-दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंद्वी पूर्व प्रधानमंत्रियों नवाज शरीफ और इमरान खान ने दोनों ही शुक्रवार को अपनी-अपनी पार्टियों की जीत का दावा किया था। हालांकि, निर्दलीय उम्मीदवारों के उभरने से अब स्थितियां बदल गई हैं। दोनों ही नेताओं ने पार्टियों और निर्दलीयों के साथ गठबंधन की संभावना जताई है।
चुनावी प्रक्रिया विवादों में घिरी:
इस साल का चुनाव हिंसा और धांधली के आरोपों से घिरा रहा। मतदान से ठीक पहले हुए आतंकवादी हमलों ने देश में तनाव का माहौल बना दिया था। साथ ही, इमरान खान समर्थकों को उनकी पार्टी पर लगे प्रतिबंध के बाद निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना पड़ा, जिससे चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे हैं।
अब आगे क्या?
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कौन सी पार्टियां और निर्दलीय उम्मीदवार मिलकर सरकार बनाएंगे। गठबंधन की बातचीत शुरू हो चुकी है, लेकिन चुनाव परिणामों को लेकर अनिश्चितता और राजनीतिक उथल-पुथल बनी हुई है। यह देखना होगा कि पाकिस्तान में अगली सरकार बनने में कितना समय लगता है और वह देश की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियों से कैसे निपटती है।
ध्यान दें: यह लेख ताजा जानकारी के आधार पर लिखा गया है। चुनाव से जुड़े हालात लगातार बदल रहे हैं।