शराब घोटाले में दिल्ली के सीएम केजरीवाल को ED ने किया गिरफ्तार

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दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाले मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया गया है। गुरुवार की शाम को ईडी की टीम ने केजरीवाल के आवास पर पहुंचकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पहले से ही चल रहे मामले में केजरीवाल को लगातार 9 समन भेजे गए थे, और गिरफ्तारी के पीछे PMLA की धारा 50 का बयान दर्ज किया गया है।

इस दौरान केजरीवाल के आवास पर दो घंटे तक चली पूछताछ के दौरान, ईडी के संयुक्त निदेशक कपिल राज भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान ईडी ने केजरीवाल के घर की भी तलाशी ली।

हाईकोर्ट का फैसला: गिरफ्तारी से राहत नहीं

आज ही दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी के समन मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी से सबूत मांगे थे, जिसके बाद जज ने केजरीवाल को गिरफ्तारी से राहत नहीं दी। गिरफ्तारी से पहले ही केजरीवाल को यह झटका लगा था कि कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से बचाया।

मामले की पृष्ठभूमि: कविता के आरोप

दिल्ली के कथित शराब घोटाले मामले में ED ने अरविंद केजरीवाल और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित कई अन्य "आप पार्टी" के नेताओं के खिलाफ आरोप लगाए हैं। ED के मुताबिक, के. कविता द्वारा नई आबकारी नीति से निजी लाभ पाने की एवज में केजरीवाल और उनके साथी नेताओं तक 100 करोड़ रुपये की रिश्वत पहुंचाई गई थी। साजिश के अनुसार, नई शराब नीति में होलसेलर्स के जरिये लगातार रिश्वत का पैसा आप पार्टी के नेताओं तक पहुंचाया जाता रहा।

नेताओं की प्रतिक्रिया: AAP का बयान

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, "भाजपा की राजनीतिक टीम (ED) केजरीवाल की सोच को कैद नहीं कर सकती… क्योंकि AAP ही BJP को रोक सकती हैं… सोच को कभी भी दबाया नहीं जा सकता।"

इस घटना के बाद, आप पार्टी के नेता और प्रवक्ता ने इस मामले को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है और कहा कि भाजपा की साजिश के तहत यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और ईडी की कार्रवाई पूरी तरह से राजनीतिक उद्देश्यों को ध्यान में रखकर की जा रही है।

इस मामले में ED ने सामने आए दावों का संदेह उठाया है कि नई आबकारी नीति के तहत धन का लाभ उठाने के लिए कई बड़े नेताओं और उनके संज्ञेय साथियों के बीच एक भ्रष्टाचारी योजना बनाई गई थी।

यह घटना दिल्ली की राजनीतिक सामग्री में तनाव की बाधाएं खड़ी कर रही है और इसने राज्य की राजनीतिक परिदृश्य को गहराया है। इस घटना की विश्वसनीयता की जांच के लिए सार्वजनिक होना आवश्यक है ताकि सच्चाई की कार्रवाई की जा सके और जानकारी की सही दिशा में प्रत्यारोपण हो सके।

इस मामले में ED की कार्रवाई ने न तो केवल राजनीतिक दलों के बीच तनाव को बढ़ाया है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर लड़ाई में और मजबूती से अग्रसर होना होगा।

अब यह देखना है कि इस मामले में और क्या नई घटनाएं सामने आती हैं और कैसे यह पूरी तरह से संज्ञेय होता है। राजनीतिक जगह पर यह घटना और भी तनावपूर्ण हो सकता है जिससे दिल्ली की जनता को गहरी चिंता हो सकती है।

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