पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) इस वक्त एक बड़े विवाद से जूझ रहा है, जिसके केंद्र में हैं स्टार बल्लेबाज बाबर आज़म और युवा तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी। हाल ही में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ 4-1 से सीरीज़ हारने के बाद पीसीबी ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया। उन्होंने शाहीन अफरीदी को महज़ पाँच महीने की कप्तानी के बाद हटाकर, बाबर आज़म को दोबारा सफेद गेंद की टीमों का कप्तान बना दिया।
यही वो फैसला है जिसने पाकिस्तानी क्रिकेट जगत में तूफान खड़ा कर दिया है। सबसे बड़ा विवाद खड़ा हुआ एक बयान को लेकर, जिसे पीसीबी ने जारी किया था। इस बयान में दावा किया गया था कि शाहीन अफरीदी ने कप्तानी की बागडोर बाबर आज़म को सौंपने के फैसले का समर्थन किया है।
लेकिन, यहीं पर असली कहानी पलटती है। शाहीन अफरीदी के करीबी सूत्रों ने इस बयान को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि शाहीन ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया और उन्हें सिर्फ एक सीरीज़ के प्रदर्शन के आधार पर हटाना अनुचित है। सूत्रों ने ये भी बताया कि शाहीन को लाहौर कलन्दर्स की खराब प्रदर्शन (पाकिस्तान सुपर लीग में टीम नौ मैच हारी थी) के आधार पर भी कप्तानी से हटाने का फैसला गलत था, क्योंकि उस वक्त टीम के मुख्य स्पिनर राशिद खान मौजूद नहीं थे।
पूर्व क्रिकेटर भी इस मामले में बंटे हुए हैं। कुछ का मानना है कि बाबर आज़म एक अनुभवी खिलाड़ी हैं और उनकी वापसी टीम के लिए फायदेमंद होगी। वहीं, कुछ अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि पीसीबी का ये फैसला जल्दबाजी में लिया गया था और शाहीन अफरीदी को एक और मौका मिलना चाहिए था।
इस पूरे विवाद की वजह से पीसीबी को आपात बैठक भी बुलानी पड़ी है। बोर्ड को अब ये फैसला करना है कि वो इस मामले को कैसे सुलझाएंगे और पाकिस्तानी क्रिकेट में चल रहे इस बवाल को कैसे शांत करेंगे। खासकर, टी20 वर्ल्ड कप 2024 जो कुछ ही महीनों में होने वाला है, उसे ध्यान में रखते हुए टीम के लिए एक मजबूत नेतृत्व का होना बेहद जरूरी है।
इस विवाद के दूरगामी परिणाम भी हो सकते हैं।
- सबसे पहला प्रभाव टीम के माहौल पर पड़ सकता है। अगर कप्तानी को लेकर खींचतान जारी रहती है, तो यह खिलाड़ियों के प्रदर्शन और टीम के मनोबल को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। एक मजबूत नेतृत्व और एकजुटता किसी भी क्रिकेट टीम की सफलता के लिए जरूरी होती है।
- दूसरी चिंता बाबर आज़म की फॉर्म को लेकर है। हालांकि, वह एक अनुभवी खिलाड़ी हैं, लेकिन हाल ही में उनका बल्ला कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाया है। अगर उनकी फॉर्म में जल्द सुधार नहीं होता है, तो यह पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के लिए दोहरी परेशानी खड़ी कर सकता है।
- तीसरा महत्वपूर्ण पहलू है युवा तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी का भविष्य। अगर उन्हें लगता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है, तो यह उनके मनोबल को गिरा सकता है और उनके भविष्य के प्रदर्शन को भी प्रभावित कर सकता है।
पाकिस्तानी क्रिकेट को इस वक्त एक मजबूत और स्थायी कप्तान की जरूरत है। साथ ही, युवा प्रतिभाओं को निखारने के लिए भी एक उचित माहौल बनाना होगा। उम्मीद है कि पीसीबी जल्द ही इस मामले का हल निकालेगा और पाकिस्तानी क्रिकेट को फिर से सही रास्ते पर ले जाएगा।
इस बीच, पाकिस्तानी क्रिकेट फैन्स इस पूरे विवाद पर कड़ी निगाह रखे हुए हैं। आने वाले वक्त में ये देखना होगा कि पीसीबी इस मामले को कैसे सुलझाता है और क्या पाकिस्तानी क्रिकेट टीम टी20 वर्ल्ड कप 2024 में अपना दबदबा कायम रख पाती है।